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नींदे इस क़दर उलझ गईं जैसे रातें उनकी किराए पर दी

नींदे इस क़दर उलझ गईं
जैसे रातें उनकी किराए पर दी हुई थीं आवाजों में बैठे बैठे,,
खामोशी से मर जाते हैं

नींद अधूरी रह जाती है
सोते सोते डर जाते हैं!!!🍁


#thoughts
नींदे इस क़दर उलझ गईं
जैसे रातें उनकी किराए पर दी हुई थीं आवाजों में बैठे बैठे,,
खामोशी से मर जाते हैं

नींद अधूरी रह जाती है
सोते सोते डर जाते हैं!!!🍁


#thoughts