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पिरियड्स पर है वो, पर फिर भी आफिस आती है । चेहर

पिरियड्स पर है वो, 
पर फिर भी आफिस आती है  । 
चेहरे पर 12 बजे हो ,भले ही क्युं ना
  पर काम वो सारे करते जाती है  । 
खुन बह रहे हैं शरीर से उसके, 
फिर भी हर दिन के भांति वो खाना बनाती है । 
मुख पर उसके दर्द दिखता है भले । 
पर अगर पुछो तो "तबियत ठीक नहीं".
बस इतना सा बतलाती है। 
पीड़ा में होकर भी ना जाने क्युं 
वो इस पर बात करने से कतराती है  । 
आखिर कौन है गुनेहगार उसका ? 
हम हैं या वो खुद है.... 
अपने अधिकारों से जो वो बेसुध है 
या फिर हम मर्दों की भी कुछ गलती है ? 
क्युं हमने उस प्राकृतिक प्रक्रिया को नजरअंदाज किया , 
जिससे दुनिया पलती है ? 
अगर उसका हर माह ये दर्द सहना मजबुरी है.. 
तो हमारे लिए भी उसके इस दर्द को जानना जरुरी है 
उसे जरुरत है हमारी इस बात को अब मानना भी जरुरी है
---रंजेश सिंह #international_womens_day #Ranjeshsingh #ranjesh #Metrowale
पिरियड्स पर है वो, 
पर फिर भी आफिस आती है  । 
चेहरे पर 12 बजे हो ,भले ही क्युं ना
  पर काम वो सारे करते जाती है  । 
खुन बह रहे हैं शरीर से उसके, 
फिर भी हर दिन के भांति वो खाना बनाती है । 
मुख पर उसके दर्द दिखता है भले । 
पर अगर पुछो तो "तबियत ठीक नहीं".
बस इतना सा बतलाती है। 
पीड़ा में होकर भी ना जाने क्युं 
वो इस पर बात करने से कतराती है  । 
आखिर कौन है गुनेहगार उसका ? 
हम हैं या वो खुद है.... 
अपने अधिकारों से जो वो बेसुध है 
या फिर हम मर्दों की भी कुछ गलती है ? 
क्युं हमने उस प्राकृतिक प्रक्रिया को नजरअंदाज किया , 
जिससे दुनिया पलती है ? 
अगर उसका हर माह ये दर्द सहना मजबुरी है.. 
तो हमारे लिए भी उसके इस दर्द को जानना जरुरी है 
उसे जरुरत है हमारी इस बात को अब मानना भी जरुरी है
---रंजेश सिंह #international_womens_day #Ranjeshsingh #ranjesh #Metrowale