तेरी नोकरपेशी पर मुझे दया आती है । ऐ दलाल चंद रुपयों के लिये आज तेरी आजादी बिक गयी । तेरे विचारों को आज जकड़ लिया है । इन ईमानपर्स कहे जाने वाले लोगो ने तेरी नोकरपेशी पर मुझे दया आती है । ऐ दलाल तू भी कभी स्वतन्त्र हुआ करता था । तेरी भी कई बाते हुआ करती थी कभी आज इन सरकार कहे जाने वाले लोगो ने , हजार रुपयों मैं तेरे विचारों को कबन कर लिया तुझे को जिंदा होकर भी , मुर्दा कर दिया , खुद को सरकार कहने वालों ने तेरी नोकरपेशी पर मुझे दया आती है । ऐ दलाल इन ने तुमको कठपुतली बना दिया आज अपने हाथों की तेरे विचार आज तेरे नही है , बल्कि इन सरकारों की गंदी आवाज है । तुझको आज उत्तराखंडी नही रहने दिया इंनने बल्कि तुझको आज इन पार्टियों का दलाल बना दिया । इन ने तेरी नोकरपेशी पर मुझे दया आती है । ऐ दलाल ©suraj silodi दया आती है । ऐ दलाल #MereKhayaal