मायूस ही रहना था तो हमें भुलाई ही क्यूँ छोड़ना ही था तो अपना बनाई ही क्यूँ अब कहती हो की चले जाओ मुझसे और मेरी जिंदगी से दूर पहले ये बताओ की जिंदगी में मुझे अपनी लाई ही क्यूँ {vikraaj gill} जिंदगी में लाई ही क्यूँ