ग़म-ए-दुनिया में ग़म-ए-यार भी शामिल कर लो, नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें, अब न वो मैं हूँ, न तू है, न वो माज़ी है फ़राज़, जैसे दो साए तमन्ना के सराबों में मिलें। #weather Maneesh Singh