अपने ही घर का शरणार्थी, दूसरा रास्ता कोई नही, नहीं दुखाया दिल किसी का, फिर भी साथ कोई नहीं, फरियाद रब से करें या सरकार से, मुकर्रर कत्ल की सजाएं कोई नहीं, ना हथियार उठाए ना धर्म बदला, मुस्कुराते रहे सबके बीच में, रोते रहे वहां जहां कोई नहीं। ©Vik Pathak शरणार्थी। #KashmiriFiles