मौसम को रंगों से इश्क हुआ है,गुड़ से मीठी बोली हो रही है वो पल-पल रंग बदल रही है मुझमें,दुनिया कहती है बाहर होली हो रही है कुछ रंग कुछ, कुछ गुलाल उड़ा है,दूर दिलों का मलाल हुआ है उनको भी शायद ख़बर नहीं है,नफ़रत भी खुशियों की रंगोली हो रही है नए सफ़र की शुरूआत हुई है,उम्मीदों की सपनों से मुलाकात हुई है रात की दहलीज पर सुबह खड़ी है,नए मौसम की पहली बरसात हुई है जाने किसका जिक्र हुआ है,तारों को फिर से इश्क हुआ है आंखों में पुराने अश्क छुपाकर,मीठा-मीठा सा रश्क हुआ है जिसने तेरा दर्द पढ़ा है,उसने निगाहों से हर मर्ज़ पढ़ा है ज़िदगी भी उसकी शुक्रगुज़ार हुई है,रूह पर भी उसका कर्ज़ चढ़ा है फाल्गुन भी है गहरी नींद से जागा,हल्दी भी चंदन की रोली हो रही है वो पल-पल रंग बदल रही है मुझमें,दुनिया कहती है बाहर होली हो रही है... Abhishek Trehan #मौसम #रंग #होली #yqdidi #hindipoetry #hindishayari #sufipoetry #love