वो दिन ,वो रात अभी भी याद है । खुदा से तब भी ,और आज भी फरियाद है। न जाने क्यूँ वो हमसे तुमको छीन गए न जाने किस बात से वो खिन्न गये। जिंदगी अब पूरी तरह अवसाद है । रूह है जख्मी ,और आँखे उदास है। 23 मार्च को छोड़ गए दुनिया ,अब हमको जीने की क्या आस है । आँखों मे नमी है ,और लफ़्ज़ों पर मुस्कुराहट का प्रयास है #अभी भी याद है 1 #nojoto #poetry