"प्रेयसी होती होगी गुलाबी गुलाब ! पर पत्नी सिंदूरी गुलमोहर होती है।" ~© अंजली राय प्रेयसी होती होगी रूमानी गुलाबी गुलाब ! जो खुले केशों में बिखरी बिखरी पंखुड़ियों सी खींचना, खीझना रिझना, रिझाना तितलियों सी इठलाना रूठना, मनाना जानती होगी ।