जिन लोगों से सिर्फ दुःख मिले अब उनसे हमेशा के लिए मुख मोड़ लिया जिन रास्तों पर जाने से रूह को तकलीफ मिलती थी अब वहां जाना भी छोड़ दिया जो खुशियां कहीं दूर सी हो गयीं थी मेरी ज़िन्दगी से कभी अब उन खुशिओ ने भी ख़ुशी ख़ुशी मेरी ज़िन्दगी से नाता जोड़ लिया - दिव्यांश नारंग