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रात के करीब एक बजे थे| उनका कॉल आया और रात के करीब

रात के करीब एक बजे थे| उनका कॉल आया और रात के करीब 1:00 बजे थे, उनका कॉल आया और जल्दबाजी में उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया। फोन पर ही मैंने कहा क्यों और कहां आना है। उन्होंने एक ही वाक्य में बात खत्म करते हुए, जल्दी सिटी हॉस्पिटल कहकर फोन काट दीया। मैं भी जल्दी से कुछ पैसे और अपने 1-2 मित्रों को फोन करते हुए, बिना देर के हॉस्पिटल पहुंचा। इमरजेंसी वार्ड के अंदर हो उदास बैठे थे, मैंने उनसे पूछा क्या हुआ अंकल, वे मेरे कंधे पर हाथ रख कर रोने लगे, मैं समझ नहीं पाया, फिर उन्होंने 13 नंबर बेड की तरफ इशारा किया। बेड पर एक नौजवान युवक था। जिसके एक हिस्से पर काफी चोट नजर आ रही थी, मैंने पूछा कौन है यह, उन्होंने जवाब दिया अजनबी, आप इतना रो क्यों रहे हो मैंने सवालिया लहजे में कहा, मुझे लगता है शायद मेरी गाड़ी से इसका एक्सीडेंट हुआ। चलो अब कुछ नहीं होगा, मैंने उन्हें हौसला बनाते हुए कहा। डॉक्टर ने क्या बताया है। डॉक्टर बोल रहे हैं खून काफी ज्यादा मात्रा में बह गया है, बिना खून के उसका बचना मुश्किल है। कितना खून चाहिए, मैंने सवाल किया ...................

दोस्तों या कहानी काफी बड़ी हो गई इसलिए इसे किसी और माध्यम से प्रकाशित किया जाएगा।
लेखक - नवीन पाल इन्सां #Vo_Call  chintaman dubey  Diwan G Neeraj Mishra ansh agrawal Er Ashish vishwakarma
रात के करीब एक बजे थे| उनका कॉल आया और रात के करीब 1:00 बजे थे, उनका कॉल आया और जल्दबाजी में उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया। फोन पर ही मैंने कहा क्यों और कहां आना है। उन्होंने एक ही वाक्य में बात खत्म करते हुए, जल्दी सिटी हॉस्पिटल कहकर फोन काट दीया। मैं भी जल्दी से कुछ पैसे और अपने 1-2 मित्रों को फोन करते हुए, बिना देर के हॉस्पिटल पहुंचा। इमरजेंसी वार्ड के अंदर हो उदास बैठे थे, मैंने उनसे पूछा क्या हुआ अंकल, वे मेरे कंधे पर हाथ रख कर रोने लगे, मैं समझ नहीं पाया, फिर उन्होंने 13 नंबर बेड की तरफ इशारा किया। बेड पर एक नौजवान युवक था। जिसके एक हिस्से पर काफी चोट नजर आ रही थी, मैंने पूछा कौन है यह, उन्होंने जवाब दिया अजनबी, आप इतना रो क्यों रहे हो मैंने सवालिया लहजे में कहा, मुझे लगता है शायद मेरी गाड़ी से इसका एक्सीडेंट हुआ। चलो अब कुछ नहीं होगा, मैंने उन्हें हौसला बनाते हुए कहा। डॉक्टर ने क्या बताया है। डॉक्टर बोल रहे हैं खून काफी ज्यादा मात्रा में बह गया है, बिना खून के उसका बचना मुश्किल है। कितना खून चाहिए, मैंने सवाल किया ...................

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लेखक - नवीन पाल इन्सां #Vo_Call  chintaman dubey  Diwan G Neeraj Mishra ansh agrawal Er Ashish vishwakarma