ये कैसा संयोग है विवश बँधे सब लोग हैं संदर्भों से सत्य विभाषित संदर्भों में छुपा हुआ है मर्म हृदय का झुठलाती हैं आँखों को धोखा हुआ है भाषा सब कहती जाती है मौन! समय है रुका हुआ है स्नेहिल सम्बन्धों का मानी मन अब तक भी झुका हुआ है आँधी है आती जाती है संबल संयम की थाती है मधुबन फिर-फिर हरा हुआ है तब तक मग अवरुद्ध दृष्टिगत जब तक पर्दा पड़ा हुआ है बीजा था नेहांकुर मिलकर निश्चय ही वह बड़ा हुआ है अवरोधों को पार किए देखो आ सम्मुख खड़ा हुआ है हो ले जितना बड़ा हुआ है भ्रम तो भ्रम है! सत्य सनातन सहज हृदय में बसा हुआ है ये कैसा संयोग है... #संयोग #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#तोयौ#yqlove#yqfaith#yqfriendship