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दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का न

दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का नजरिया शुरू से ही पलायनवादी होता है और वह उससे लड़ने की बजाय उससे बचने में अपनी शक्ति अधिक लगाता है। दुख के समय दूसरों को दोषी ठहराना व्यक्ति का प्रिय शगल होता है, जबकि जीवन की सच्चाई यही है कि दुख ही मनुष्य का सच्चा साथी

©Ravi Shankar Kumar Akela 
  #Srk&Katrina दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का नजरिया शुरू से ही पलायनवादी होता है और वह उससे लड़ने की बजाय उससे बचने में अपनी शक्ति अधिक लगाता है। दुख के समय दूसरों को दोषी ठहराना व्यक्ति का प्रिय शगल होता है, जबकि जीवन की सच्चाई यही है कि दुख ही मनुष्य का सच्चा साथी

#SRK&Katrina दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का नजरिया शुरू से ही पलायनवादी होता है और वह उससे लड़ने की बजाय उससे बचने में अपनी शक्ति अधिक लगाता है। दुख के समय दूसरों को दोषी ठहराना व्यक्ति का प्रिय शगल होता है, जबकि जीवन की सच्चाई यही है कि दुख ही मनुष्य का सच्चा साथी #समाज

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