करके रिहा परिंदा क़फ़स पालूं कब तलक ये इश्क़ के वहम मैं अबस पालूं कब तलक हर नफ़स पे आजमाईशें बस जिंदा होने की ज़िन्दगी तू बता तेरी हवस पालूं कब तलक zindagi ki hawas