स्त्री के प्रति सोच...... अंदर से ये खोकले स्त्री पर ये भौंकते, दुसरो की बेटियों पे नज़रे गन्दी डालते, एक तरफ तुम बोलते मेरा देश बदल रहा है, फिर सोच क्यों तुम्हारी १४ वी सदी की है, ये २१ वी सदी है तुम सोच अपनी बदलो, स्त्री के प्रति तुम सम्मान भाव रखो, स्त्री ही माता, स्त्री ही बहन है, स्त्री ही सही मायने में इस जग की रचियता, कमज़ोर मत तुम समझो आज की स्त्री को, सभी छेत्रो में है इनका बोल बोला, यु तो रूप है माँ दुर्गा का पर काली भी बन जाती है, ये आज की स्त्री है तुम अपनी सोच बदलो.... ✍️बेबाक शायर ✍️ मो. शारिक सिद्दिकी ©Shariq Siddiqui स्त्री के प्रति सोच...... अंदर से ये खोकले स्त्री पर ये भौंकते, दुसरो की बेटियों पे नज़रे गन्दी डालते, एक तरफ तुम बोलते मेरा देश बदल रहा है, फिर सोच क्यों तुम्हारी १४ वी सदी की है, ये २१ वी सदी है तुम सोच अपनी बदलो,