दिल की आवाज़ कूची से निकल कर आई है.. माँ की क्या खूबसूरत तस्वीर निखर कर आई है.. यूँ ही रंगों से खेलकर पत्थरों में जान भरते रहिये.. ऐसी दिलकश कला पर आपको बधाई है.. - ✍पीयूष रंजन बाजपेयी 'नमो' #prb #नमो #काव्य_पीयूष #माँ