हर पहलू हर राज़ जनता हु जो छुपा है तेरा वो अंदाज जानता हु मत कर जिक्र मेरे ख्वाबों का में मन्नत में भी रोना चाहता हु और अब तो फरामोशी की भी रजा है अगर जो उसमें तेरा मज़ा है सुप्रभात। सुबह के उजाले में, मेरी आँखें देखती हैं ज़िन्दगी का मंज़र... #मंज़र #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi