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ना आदि है ना अंत है, आसमाँ या दामन कहे। गहराइयां

ना आदि है ना अंत है,
आसमाँ या दामन कहे।

गहराइयां इतनी है कि,
सागर कहे या मन कहे।

एक सुगंधित गंधधारी,
ज्ञान या चंदन कहे।

रूप कितने जगत में,
गुरु कहे या भगवन कहे। गुरु पूर्णिमा ।।।।।
ना आदि है ना अंत है,
आसमाँ या दामन कहे।

गहराइयां इतनी है कि,
सागर कहे या मन कहे।

एक सुगंधित गंधधारी,
ज्ञान या चंदन कहे।

रूप कितने जगत में,
गुरु कहे या भगवन कहे। गुरु पूर्णिमा ।।।।।
anoopsingh9692

Anoop singh

New Creator

गुरु पूर्णिमा ।।।।। #कविता