चल परिंदे दुनिया से दूर एक घरौंदा बुनते हैं, इंद्रधनुष निकला है नभ में, छू के उसे, अपने सपनों को रंगते हैं, सूरज दमक रहा है कितने तेज से, किरणों से मिलकर थोड़ी रौनक अपने चेहरे के लिए उधार लेते हैं चल परिंदे दुनिया से दूर एक घरौंदा बुनते हैं -जाह्नवी #परिंदाऔरमै #उड़ान #पँख #घरौंदा #Nojoto #nojotohindi #kavishala #kavita #Hindi