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"अजनबी से थे तुम जब तुमसे पहली बात हुयी, धीरे धी

"अजनबी से थे तुम जब तुमसे पहली बात हुयी, 
 धीरे धीरे पहचान हुयी जब दूजी तुमसे बात हुयी, 
 बात शुरू जब होती तुमसे  तुम मन ही मन मुस्काते हो, 
 मेरी बातों को सुनकर तुम मुझमे ही खो जाते हो, 
 जब तुमसे कुछ पूछा जाता है तुम गूगल से बन जाते हो, 
 जब बात अधूरी रहती है , ये रात भी कुछ कहती है, 
 इस सन्नाटे के शोर से , इस दिल में बैठे चोर से, 
 कोई जिक्र तुम्हारा करता है, जब नाम तुम्हारा कहता है, 
तब इन यादों के शोर से बस नाम तुम्हारा आता है, 
कोई गीत सुनाता जाता है..." #yqdidihindipoetry#thoughtful#love#passion#byheart#touchable#connected#creation
"अजनबी से थे तुम जब तुमसे पहली बात हुयी, 
 धीरे धीरे पहचान हुयी जब दूजी तुमसे बात हुयी, 
 बात शुरू जब होती तुमसे  तुम मन ही मन मुस्काते हो, 
 मेरी बातों को सुनकर तुम मुझमे ही खो जाते हो, 
 जब तुमसे कुछ पूछा जाता है तुम गूगल से बन जाते हो, 
 जब बात अधूरी रहती है , ये रात भी कुछ कहती है, 
 इस सन्नाटे के शोर से , इस दिल में बैठे चोर से, 
 कोई जिक्र तुम्हारा करता है, जब नाम तुम्हारा कहता है, 
तब इन यादों के शोर से बस नाम तुम्हारा आता है, 
कोई गीत सुनाता जाता है..." #yqdidihindipoetry#thoughtful#love#passion#byheart#touchable#connected#creation