क्या गजब हो रहा ,देखिये ना खुदा । पाप बढ़ने लगा ,पूण्य घट है रहा । अब तो दुनिया में ,कोई अवतार लीजिये । सारे पापियो का फिर ,संघार कीजिये । जीव जंतुओं की ,तो बस सदा है यही । उनको विलुप्ति ,से बचा लीजिये । दुनिया अब,दो हुई । मानवता ना रही । चीर हरण हो रहा । है हत्या कहि । अब तो ईमान भी, डोलने है लगा । चंद पैसो में ,इंसान बिकने लगा । जो सुबह शाम तेरी ,सरन है लिए । सबसे ज्यादा वही ,पाप करने लगे । तूने फरमाया ,होगा वही मै जो करू । तो भला कैसे तू ,देखने है लगा । लगता इंसानो की तरह ही तू । कोई दूजा ही एप्प यूज़ करने लगा । लाइक शेयर तुझे भी नही मिल रहा । इसलिए दुनिया पे तेरा । तेरा फोकस नही रहा। #zईशान जब्बार हमारा दर्द