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Maa *मां से प्यार था, मां से दुलार था। मां से ही

Maa  *मां से प्यार था, मां से दुलार था।
 मां से ही तो मेरा हसता खेलता सुखी संसार था।
 मां के होने से इस दुनिया के सारे सुख अपने हैं,
 मां के ना होने से ये सब सिर्फ सपने हैं। 
मां के लिए जितना लिखा जाए कम है, 
क्या मां के ना होने से भी बड़ा कोई गम है ? 
बोहोत प्यार से अपने पास बुलाती है मां, 
अपने हाथों से बोहोत लाड़ लड़ाती है मां ।
 वो इस दुनिया के सबसे खुशनसीब बच्चे हैं,
 जिन्हे अपनी गोद में सुलाती है मां ।

©Adhuri kahani #maa #in #no #Hindi #Shayar
Maa  *मां से प्यार था, मां से दुलार था।
 मां से ही तो मेरा हसता खेलता सुखी संसार था।
 मां के होने से इस दुनिया के सारे सुख अपने हैं,
 मां के ना होने से ये सब सिर्फ सपने हैं। 
मां के लिए जितना लिखा जाए कम है, 
क्या मां के ना होने से भी बड़ा कोई गम है ? 
बोहोत प्यार से अपने पास बुलाती है मां, 
अपने हाथों से बोहोत लाड़ लड़ाती है मां ।
 वो इस दुनिया के सबसे खुशनसीब बच्चे हैं,
 जिन्हे अपनी गोद में सुलाती है मां ।

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