भारत के प्रति और भाव रखने और इस क्रम में उसे नीचा दिखाने की कोशिश करने वाले विदेशी मीडिया के एक हिस्से की इस हादसे की एक रपट के विपक्ष और खासकर कांग्रेस जिस तरह अंतिम सत्य के रूप में प्रस्तुत कर रही है भारत में कुछ लोगों की जासूसी के लिए एक रक्षा सौदे के तहत इजरायल ने शीघ्र सॉफ्टवेयर खरीदा था मुझ पर हैरानी नहीं यह समझना कठिन है कि जब सारे संकरण प्रयास जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर नियुक्ति एवं समिति की ओर से जा रही है तब फिर उसके निष्कर्षों की प्रतीक्षा करने से क्यों इंकार किया जा रहा है यह इंकार तो यही बताता है कि विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं इस मामले में विपक्षी का शोरगुल एक तरह से यह बताता है कि सुप्रीम कोर्ट से अधिक उस विदेशी मीडिया पर भरोसा कर रहा है जिसका भारत के प्रति दुराग्रह बार-बार सामने आता रहता है इस दूर ग्रह का परिणाम केंद्र सरकार की घेराबंदी के लिए दावा भी है कि आज आ रहा है भारत ने इस सौदे के कारण संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के पक्ष में मतदान या था ऐसा कोई दावा इसलिए हवाई लगता है क्योंकि हाल ही में धराइल से दोस्ती कुछ ऐसे अरबो देती है जो उसके अस्तित्व को नकार दें यह महज योग्य नहीं है लगता कि है प्रकरण करीब 6 माह पहले तक सामने आया था जब संसद का मानसून सत्र शुरू होने में दो-तीन दिन से इस बार भी यह मामला ठीक उसी समय सामने लाया गया है जब संसद का बजट सत्र शुरु से ही होने वाला है इस दुर्भाग्य के पीछे यह सोची समझी चाल ही नजर आती है इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि मानसून सत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ ©Ek villain #दुर्भाग्य का प्रदर्शन #Thoughts