वक्त के न जाने कैसे सिलसिले थे , यूँ तो बहुत संभल कर चले थे ..... फिर भी न जाने क्यों खुद की लगायी आग में जले थे ....... संभल कर चले थे... #संभलकरचलेथे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi