कुछ पैसे चुराए थे तुमने मेरी जेब से दराज में छिपाए थे पुरानी मेज के खरीदी थी सलाई और ऊन के गोले अंगुल से नापा था मुझे बिन कुछ बोले.. सलाई चलाने का जो तरीका था हफ्तों बैठकर तुमने माँ से सीखा था दो उल्टे फंदे मेरे और दो सीधे अपने उलझे-उलझे आपस में कुछ गर्म सपने दांतों से काटा था लबों से छुआ था तुमने कितनी दफा ना जाने हाथ फेरे थे इसमें.. मुझे फिर मोह लिया था किया करिश्मा था अजब तोहफा भी तुम्हारा ही अक्स-नुमा था रंग तुमने अपनी पसंद से हल्का नीला चुना था तुमने वो स्वेटर नहीं मेरा दिसम्बर बुना था.. ©KaushalAlmora #दिसम्बरwithkaushalalmora #decemberreminders #रोजकाडोजwithkaushalalmora #yqdidi #yostowrimo #happydecember #kaushalalmora #decemberislike