कीमती है तेरा हर एक मोती जो गिरा है तेरी आंखों के समुद्र से, बना मूक दर्शन बैठा है आज तक ना जाने क्यों ये सफ़र तेरा, हो गई है बे कद्र तेरी हर धड़कन जनता है ये जमाना भी सुन, काटना मुश्किल हो गया है जो लगा था कभी आसान सफ़र तेरा, तेरा वजूद कीमती है बहुत तेरे हर चाहने वाले के लिए सुना तूने, ना जाने कब समझेगा ये बात नादान सा कमबख्त सफ़र तेरा, बस तू चलती चल आहिस्ता आहिस्ता तू बढ़ा क़दम आगे अपने, एक दिन तुझे खुद से मिला ही देगा एक अनजाना सा सफ़र तेरा, ना जाने कोई तेरे इश्क की गहराई को ना ही कोई समझे भाव तेरे, पर लफ्ज़ मेरे बख़ूबी बयां करते हैं कितना बेरहम रहा सफ़र तेरा, Part 4 ©Alfaaz dil se #WallTexture