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बेशक मैं थका जरूर हूँ, ये मत सोचना की बिखर गया हूँ

बेशक मैं थका जरूर हूँ,
ये मत सोचना की बिखर गया हूँ।
खुद की मंजिल पर भरोसा है मुझे,
बस हालातों से थोडा झुक गया हूँ।।

अपनों ने ही अक्सर रिश्ते तोडे है मुझसे, 
पर ऐसा नहीं है की मैं खुद से टुट गया हूँ।

हाँ अब सचेत हो गया हूँ, 
रिश्ते नातों के चालबाजों से,
पर ऐसा नहीं है की इनसे नाराज हो गया हूँ।

अब भी वैसे ही मिलता हूँ सबसे, 
बखुबी हँसता भी खुब हूँ,
शायद ही जीत पायेगा अब
 कोई भरोसा मेरा, 
भरोसे से अब परहेज में हूँ।

*स्वरचितः !!शंकरदास!!* #darkness परहेज में हूँ।
बेशक मैं थका जरूर हूँ,
ये मत सोचना की बिखर गया हूँ।
खुद की मंजिल पर भरोसा है मुझे,
बस हालातों से थोडा झुक गया हूँ।।

अपनों ने ही अक्सर रिश्ते तोडे है मुझसे, 
पर ऐसा नहीं है की मैं खुद से टुट गया हूँ।

हाँ अब सचेत हो गया हूँ, 
रिश्ते नातों के चालबाजों से,
पर ऐसा नहीं है की इनसे नाराज हो गया हूँ।

अब भी वैसे ही मिलता हूँ सबसे, 
बखुबी हँसता भी खुब हूँ,
शायद ही जीत पायेगा अब
 कोई भरोसा मेरा, 
भरोसे से अब परहेज में हूँ।

*स्वरचितः !!शंकरदास!!* #darkness परहेज में हूँ।

#darkness परहेज में हूँ। #कविता