अजीब सी हो गई है जिंदगी मेरी, ना घर में खुशी मिली, ना बाहर सुकून भटकता रहूंगा यूंही उम्र भर ना जीने की वजह मिली, ना मरने का गम अजीब सी हो गई है जिंदगी मेरी,