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हम वो दो तटबंध रहे जो साथ चलते हुए भी कभी एकसाथ नह

हम वो दो तटबंध रहे जो साथ चलते हुए
भी कभी एकसाथ नही हो सके!
यद्यपि उनके बीच बहती रही
भावनाओं  की अथाह
जलराशि!
भागीरथी!
की धार निरंतर बह रही जैसे हिमाद्रि से फूटकर,
ठीक वैसे ही प्रेम का अंकुर सदा फूटा रहा हमारे
ह्रदयों के भीतर! भागीरथी से वे जलधाराएँ
अलकनंदा से गंगा नाम में परिवर्तित हुई
और स्थान गंगोत्री से हरिद्वार तत्पश्चात
विश्वनाथ की नगरी काशी! किंतु
जल तो उतना ही निर्मल
उतना ही पवित्र रहा! Hello Resties! ❤️ 

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हम वो दो तटबंध रहे जो साथ चलते हुए
भी कभी एकसाथ नही हो सके!
यद्यपि उनके बीच बहती रही
भावनाओं  की अथाह
जलराशि!
भागीरथी!
की धार निरंतर बह रही जैसे हिमाद्रि से फूटकर,
ठीक वैसे ही प्रेम का अंकुर सदा फूटा रहा हमारे
ह्रदयों के भीतर! भागीरथी से वे जलधाराएँ
अलकनंदा से गंगा नाम में परिवर्तित हुई
और स्थान गंगोत्री से हरिद्वार तत्पश्चात
विश्वनाथ की नगरी काशी! किंतु
जल तो उतना ही निर्मल
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anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator