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प्यार आज के दौर का खेल बन गया हैं। पहले के दौर मे

प्यार आज के दौर का खेल बन गया हैं।
पहले के दौर मे प्यार जवानी मे होता और ताउम्र निभता था,
आज बच्चे स्कुल जाते है पहला प्यार वहा होता हैं,
दुसरा प्यार महाविद्यालय मे पदार्पण होते ही परिवर्तित होने लगता हैं।
तीसरा प्यार व्यवसाय या रोजगार के दिनों मे होता हैं
जो अल्प अवधी वाला या एक तरफा ज्यादा होता हैं।
फिर आती हैं शादी की बारी जो टुटे हुएं दिल पर फेवीकोल काम करता हैं,
ये हुआ चौथे नंबर की बारी।
कुछ साल ये प्यार अपने चरम सीमा पर होता हैं,
ना वक्त का पता चलता है ना दुसरे रिस्तेनातो का।
फिर हुआ तलाक, सारे जख्म एक साथ।
ना दिन ना रात सिर्फ तलाक, तलाक और तलाक।
जैसे तैसे तलाक के बाद संभले,
घर बालो ने फिर एक सुकन्या देखना आरंभ कर दिया शादी हुई
अब फिर नये किष्म का प्यार जिम्मेदारी से भरा हुआ
पांचवे नंबर का प्यार भी होने लग गया।
अब आया बुढापा,
 जहां एक पाव पहले से ही कब्र पर दिखाई दे राहा
पर वहां भी नया प्यार "श्री नारायण दत्त तिवारी जी"
और
"श्री दिग्विजय सिंह जी" जैसा हो ही जाता हैं॥

©Gaurav Sankhala #nadanparinda #shadi #Love #ishq 
#moonlight
प्यार आज के दौर का खेल बन गया हैं।
पहले के दौर मे प्यार जवानी मे होता और ताउम्र निभता था,
आज बच्चे स्कुल जाते है पहला प्यार वहा होता हैं,
दुसरा प्यार महाविद्यालय मे पदार्पण होते ही परिवर्तित होने लगता हैं।
तीसरा प्यार व्यवसाय या रोजगार के दिनों मे होता हैं
जो अल्प अवधी वाला या एक तरफा ज्यादा होता हैं।
फिर आती हैं शादी की बारी जो टुटे हुएं दिल पर फेवीकोल काम करता हैं,
ये हुआ चौथे नंबर की बारी।
कुछ साल ये प्यार अपने चरम सीमा पर होता हैं,
ना वक्त का पता चलता है ना दुसरे रिस्तेनातो का।
फिर हुआ तलाक, सारे जख्म एक साथ।
ना दिन ना रात सिर्फ तलाक, तलाक और तलाक।
जैसे तैसे तलाक के बाद संभले,
घर बालो ने फिर एक सुकन्या देखना आरंभ कर दिया शादी हुई
अब फिर नये किष्म का प्यार जिम्मेदारी से भरा हुआ
पांचवे नंबर का प्यार भी होने लग गया।
अब आया बुढापा,
 जहां एक पाव पहले से ही कब्र पर दिखाई दे राहा
पर वहां भी नया प्यार "श्री नारायण दत्त तिवारी जी"
और
"श्री दिग्विजय सिंह जी" जैसा हो ही जाता हैं॥

©Gaurav Sankhala #nadanparinda #shadi #Love #ishq 
#moonlight