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रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए हर पल जलते रहे,

रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए हर पल जलते रहे, फिर भी राख न हुए,
तेरी चाहतो का दिल पर कुछ ऐसा हुआ असर,कि तू गैर का हो गया, औऱ हम अपने भी ना रहे-love u inna saara
बबीता राजपूत😐😐 #दर्द भरी शायरी-मेरी कलम से
रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए हर पल जलते रहे, फिर भी राख न हुए,
तेरी चाहतो का दिल पर कुछ ऐसा हुआ असर,कि तू गैर का हो गया, औऱ हम अपने भी ना रहे-love u inna saara
बबीता राजपूत😐😐 #दर्द भरी शायरी-मेरी कलम से

#दर्द भरी शायरी-मेरी कलम से