मध्यम वर्गीय परिवार पार्ट 2 किश्तों मैं बंटा हुआ इनका उधार हैं बाज़ारो भी इनको रिझाता बार बार हैं बस स्टैंड से प्लेटफार्म तक का हुजूम ऊंघता अंगड़ाइयाँ लेता निकला बाहर हैं मजबूरी हैं पर अपनों का प्यार हैं कमर झुकी हैं, कंधो पर भार हैं जल धूल के तूफान जिसके यार हैं अपनी जंग रोज़ लड़ता मिडल क्लास हैं चिल्लाये शोर मचाये पर किसे सुनाए गरीबी और अमीरी में पीसता जाए अनशन भूख हड़ताल बस की नही वोट डाल अच्छे दिनों की आस लगाये परिवारों को छोड़ पैसे कमाए त्योहारों में ज़िन्दगी से मिलने घर जाए थक हार कर लेटने पर नींद न जिसके पास हैं उसी जमात का हूँ मै,कहते जिसे मिडल क्लास हैं मुकुल पाल #middleclassfamily पार्ट 2