#गांव में देखने को, बैलगाड़ी नहीं मिलती। सूने पड़े हैं पनघट, पनिहारी नहीं मिलती। सुनने को खेलते बच्चों की, किलकारी नहीं मिलती। पक्के मकान बना लिए,