कोहरा जैसे जैसे रात डल रही हैं तेरी सांसो की गरमाहट बढ़ रही हैं तू बेखबर हैं अपनी साँसो से, पर तेरी साँस मेरी रूह में जान भर रही हैं जैसे जैसे रात डल रही हैं