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मैं पक्षी हूं क्यों मुझे आप बांधे, क्यों आप मुझे स

मैं पक्षी हूं
क्यों मुझे आप बांधे, क्यों आप मुझे सताए
क्या गलती हैं मेरी , स्वतंत्र उड़ना चाहता
मत सताओ मुझे,मत रुलाओ मुझें
मैं नादान परिंदा , उन्मुक्त गगन का 
पिंजरे बंध ना गा पाऊंगा
कनक तितलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जायेगें।

योगेश कंसारा

©yogesh kansara
  #पक्षी #पंछी