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प्रकृति जिसकी गोद में पलकर मानव ने खुद को अनुकूलित

प्रकृति जिसकी गोद में पलकर मानव ने खुद को अनुकूलित कर अपनी सभ्यता विकसित की , प्रकृति जिससे संसाधनों को प्राप्त कर इंसान आज विकसित हुआ ,यही प्रकृति जिससे संसाधनों को प्राप्त कर मानव भविष्य में सुखद पल के सपने देख रहा है, ऐसी अनमोल प्रकृति को बचाना प्रत्येक व्यक्ति का अनिवार्य कर्तव्य हैं जिससे वो मुकर नहीं सकता।

©Govinda Kumar Nature, Save Nature
प्रकृति जिसकी गोद में पलकर मानव ने खुद को अनुकूलित कर अपनी सभ्यता विकसित की , प्रकृति जिससे संसाधनों को प्राप्त कर इंसान आज विकसित हुआ ,यही प्रकृति जिससे संसाधनों को प्राप्त कर मानव भविष्य में सुखद पल के सपने देख रहा है, ऐसी अनमोल प्रकृति को बचाना प्रत्येक व्यक्ति का अनिवार्य कर्तव्य हैं जिससे वो मुकर नहीं सकता।

©Govinda Kumar Nature, Save Nature