एक तू ही आस है तुझ पर ही विश्वास है तू ही विग्रह तू ही विन्यास है तू ही गृहस्थ तू ही सन्यास है।।१।। मेरे श्याम हे कृष्ण मुरारी अब तो आ जाओ गिरधारी! थाम लो हमें डगमग नैया हमारी खेवैया बन पार उतारो बाँके बिहारी ।।२।। ♥️ Challenge-813 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।