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फूलों सी फूलों सी वो सुकोमल है । नाजुक सा उसका का

फूलों सी फूलों सी वो सुकोमल है ।
नाजुक सा उसका का तन-मन है ।
कैसे हम उसका दिल तोड़े ।
कैसे उससे मुख हम मोड़ें ।
दिल में ये हुआ असमंजस है ।
जाने ये कैसी हलचल है ।
यह कहने को दिल पत्थर कर ।
मैं चल दिया मायूस हो उसके घर ।
अब मिल ना सकेंगें हम तो कभी ।
अब राह तकेगें हम कब तक ।
ये दुनिया ना हमें मिलने देगी ।
ये प्रेम का अंकुर ना खिलने देगी ।
ये दुनिया की रस्में हमे रोकेगी, ये दुनियादारी हमे टोकेगी ।
किस-किस से लड़ोगें तुम बोलो,ये जुल्म कैसे सहोगें तुम बोलो ।
क्या सब कुछ तुम अनसुना कर, मेरे साथ दूर तक चल पाओगी ।
तुम करती हो वादा सात जन्म का, क्या सात कदम बढ़ पाओगी ।
अगर हां तो हाथ मेरा थाम चल, चल-चल अब अपनी दुनिया में यार चल ।
जहां अपना एक संसार हो, जहां चारों और बाहर हो ।
जहां सिर्फ हम दोनों का प्यार हो ।
चल चल मेरे दिलदार चल, अब थाम मेरा तू हाथ चल ।।

©Anit kumar #dilkibaat#dil_se_dil_tak
#nojotohindikavita
फूलों सी फूलों सी वो सुकोमल है ।
नाजुक सा उसका का तन-मन है ।
कैसे हम उसका दिल तोड़े ।
कैसे उससे मुख हम मोड़ें ।
दिल में ये हुआ असमंजस है ।
जाने ये कैसी हलचल है ।
यह कहने को दिल पत्थर कर ।
मैं चल दिया मायूस हो उसके घर ।
अब मिल ना सकेंगें हम तो कभी ।
अब राह तकेगें हम कब तक ।
ये दुनिया ना हमें मिलने देगी ।
ये प्रेम का अंकुर ना खिलने देगी ।
ये दुनिया की रस्में हमे रोकेगी, ये दुनियादारी हमे टोकेगी ।
किस-किस से लड़ोगें तुम बोलो,ये जुल्म कैसे सहोगें तुम बोलो ।
क्या सब कुछ तुम अनसुना कर, मेरे साथ दूर तक चल पाओगी ।
तुम करती हो वादा सात जन्म का, क्या सात कदम बढ़ पाओगी ।
अगर हां तो हाथ मेरा थाम चल, चल-चल अब अपनी दुनिया में यार चल ।
जहां अपना एक संसार हो, जहां चारों और बाहर हो ।
जहां सिर्फ हम दोनों का प्यार हो ।
चल चल मेरे दिलदार चल, अब थाम मेरा तू हाथ चल ।।

©Anit kumar #dilkibaat#dil_se_dil_tak
#nojotohindikavita