(पिंजरे में पंछी) मैं तो उड़ता सा पंछी था तूने क्यों मेरे पर काट दिऐ बे फिक्र सा घूमता यहां से वहां तूने क्यो मुझे ये पिंजरो के जाल दिऐ है हौसला इतना बिना पंखों के भी उड़ जाऊं तूने दिया जो जख्म उसे विन धागे सी जाऊं माना आसान नहीं है मंजिल पाना पर है इतना जुनून कि तेरा पिंजरा भी तोड़ जाऊं #maniphogat_ansunealfaazz# #maniphogat_ansunealfaazz #manisayri #पिंजरे_मैं_पंछी #feather