Nojoto: Largest Storytelling Platform

बेटी दिवस 🧕"""""""""""""""""""""""🧕 क्या लिखूं

बेटी दिवस
🧕"""""""""""""""""""""""🧕

क्या लिखूं मैं बेटी के लिए जो खुद एक दुनिया है 
सारी दुनिया एक बेटी से ही चलती है
एक नन्ही सी कली सारे चमन को महका देती है 
एक छोटी सी तितली फूल की अहमियत बढ़ा देती है
एक छोटी सी किलकारी सुने आंगन में खुशियां भर देती है
एक छोटी सी बेटी जन्म लेने के साथ घर में लक्ष्मी ले आती है

सारे दुख अपने अंदर समेट लेती है
हो अगर घर में खुशी तो खामोश रहती नहीं है 
लगे चोट दिल पर तो किसी से कहती नहीं है
फूलों की कली से लेकर घर की लक्ष्मी तक
बचपन के प्यार के लेकर बुढ़ापे के दुलार तक
पापा की परवाह करने वाली भाई की सलामती की दुआ करने वाली
मां के आंसू की कीमत समझने वाली 
पल भर में घर की सुख शांति के लिए अपनी इच्छाएं त्यागने वाली एक बेटी ही तो होती है। 

मुसीबत में वह सब्र करना जानती है 
बस दो मीठे बोलो से अपनी कद्र करवाना चाहती है,
बेटी है साहब खुली पतंग की तरह आसमान छूना चाहती है,
उसमें भी हौसला है वह भी अपने सपनों को बुलंद करना चाहती है
आपके घर में बेटी है साहब वो भी बेटे की तरह चीखकर नहीं 
धीमी आवाज में अपने सपनों का इजहार करना चाहती हैं

क्यों लाते हो उसकी कामयाबी के बीच में परिवारिक रोड़ा
क्यों कुचल देते हो पल भर में उसके सारे सपने 
उसने तो कभी किसी का दिल नहीं तोड़ा
क्यों बेटी को हर मोड़ पर भेड़ की तरह आसानी से मोड़ दिया जाता है,
बचपन के सजाए हुए सारें सपनों को ,इज्जत का वास्ता देकर पलभर में  तोड़ दिया जाता है,

और क्या लिखूं बेटियों की दास्तान
सच कहूं हकीकत बयान करना नहीं होता आसान

©Sony Advocate #HappyDaughtersDay2020 
#self_written 
#daugthers
बेटी दिवस
🧕"""""""""""""""""""""""🧕

क्या लिखूं मैं बेटी के लिए जो खुद एक दुनिया है 
सारी दुनिया एक बेटी से ही चलती है
एक नन्ही सी कली सारे चमन को महका देती है 
एक छोटी सी तितली फूल की अहमियत बढ़ा देती है
एक छोटी सी किलकारी सुने आंगन में खुशियां भर देती है
एक छोटी सी बेटी जन्म लेने के साथ घर में लक्ष्मी ले आती है

सारे दुख अपने अंदर समेट लेती है
हो अगर घर में खुशी तो खामोश रहती नहीं है 
लगे चोट दिल पर तो किसी से कहती नहीं है
फूलों की कली से लेकर घर की लक्ष्मी तक
बचपन के प्यार के लेकर बुढ़ापे के दुलार तक
पापा की परवाह करने वाली भाई की सलामती की दुआ करने वाली
मां के आंसू की कीमत समझने वाली 
पल भर में घर की सुख शांति के लिए अपनी इच्छाएं त्यागने वाली एक बेटी ही तो होती है। 

मुसीबत में वह सब्र करना जानती है 
बस दो मीठे बोलो से अपनी कद्र करवाना चाहती है,
बेटी है साहब खुली पतंग की तरह आसमान छूना चाहती है,
उसमें भी हौसला है वह भी अपने सपनों को बुलंद करना चाहती है
आपके घर में बेटी है साहब वो भी बेटे की तरह चीखकर नहीं 
धीमी आवाज में अपने सपनों का इजहार करना चाहती हैं

क्यों लाते हो उसकी कामयाबी के बीच में परिवारिक रोड़ा
क्यों कुचल देते हो पल भर में उसके सारे सपने 
उसने तो कभी किसी का दिल नहीं तोड़ा
क्यों बेटी को हर मोड़ पर भेड़ की तरह आसानी से मोड़ दिया जाता है,
बचपन के सजाए हुए सारें सपनों को ,इज्जत का वास्ता देकर पलभर में  तोड़ दिया जाता है,

और क्या लिखूं बेटियों की दास्तान
सच कहूं हकीकत बयान करना नहीं होता आसान

©Sony Advocate #HappyDaughtersDay2020 
#self_written 
#daugthers