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आवारगी ने एक बड़ा काम कर दिया गुमनाम जी रहा था मैं

आवारगी ने एक बड़ा काम कर दिया
गुमनाम जी रहा था मैं बदनाम कर दिया

दे दे के शराफत के उलाहने मुझे दिन रात
मुझको भी दोस्तों ने बेईमान कर दिया

यूं देखता है अब मुझे हर शख्स घूर के
जैसे शहर में मैंने कत्ल-ए-आम कर दिया

इख़्लास, वफा, मिन्नतें कुछ काम न आई
और हुस्न ने फिर इश्क पे इल्ज़ाम धर दिया

हलकान हो चुका था जिगर दर्द से बहुत
कर के नुमाया सब, इसेे आराम कर दिया

गिर के, फिसल के, डगमगा के पाया है सुकून
मुश्किल था सफर साकी ने आसान कर दिया

 ✍️अरूण त्यागी #Meri Shayari #AKT
आवारगी ने एक बड़ा काम कर दिया
गुमनाम जी रहा था मैं बदनाम कर दिया

दे दे के शराफत के उलाहने मुझे दिन रात
मुझको भी दोस्तों ने बेईमान कर दिया

यूं देखता है अब मुझे हर शख्स घूर के
जैसे शहर में मैंने कत्ल-ए-आम कर दिया

इख़्लास, वफा, मिन्नतें कुछ काम न आई
और हुस्न ने फिर इश्क पे इल्ज़ाम धर दिया

हलकान हो चुका था जिगर दर्द से बहुत
कर के नुमाया सब, इसेे आराम कर दिया

गिर के, फिसल के, डगमगा के पाया है सुकून
मुश्किल था सफर साकी ने आसान कर दिया

 ✍️अरूण त्यागी #Meri Shayari #AKT
aruntyagi5521

Arun Tyagi

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