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कोरोना वायरस,मास्क और सेनिटाइजर ! #coronavirus #co

कोरोना वायरस,मास्क और सेनिटाइजर ! #coronavirus #coronavirusindia #coronadeadlyvirus #coronaquote #corona 
#snehlata #yqdidi #thoughts 
कोरोना वायरस,मास्क और सेनिटाइजर इन तीन शब्दों ने कुछ दिनों से मीडिया,सोशियल मीडिया और सबकी ज़बान पर क़ब्ज़ा कर लिया है । सरकार और उसका पूरा तंत्र और संपर्क एवं जनसंपर्क के सभी माध्यम कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने में युद्ध स्तर पर जुटा हैं ।किसी को तो ये कोई महामारी से ज़्यादा हौवा लग रहा है ,रुई का पहाड़ लग रहा है ,खोदा पहाड़ निकली चुहिया ही होने का अनुमान लिए बेफ़िक्र हैं। लेकिन फ़िलहाल जो सब कुछ घट रहा है वो किसी हॉलीवुड फ़िल्म जैसा ही है वही अजीब बीमारी,पुरा तंत्र अनजान,शहरों-गाँवो में अफ़रातफ़री,अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जीतोड़ कोशिश में लगा हुआ प्रशासन ।हर थोड़ी देर में वायरस के और ज़्यादा फैलने,और ज़्यादा लोगों के चपेट में आने की और कुछ लोगों के मरने की ख़बर हैरान परेशान करे जा रही है ,कोई ठोस उपाय ना होने की वजह से बचाव ही उपाय बताया जा रहा है ।संक्रमण से फैलने वाली बीमारी होने और स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर इसे महामारी घोषित किया जा चुका है ,सभी स्कूल-कोलेज़,मॉल दुकाने,ऑफ़िस,जिम बंद रखने का आदेश आ चुका है ,हवाई यात्राओं विशेषकर विदेश यात्राओं पर रोक लगाई जा चुकी है ,आयात निर्यात,पर्यटन हर उद्योग इसकी मार की चपेट में आ चुका है ,कई देशों का शेयर बाज़ार औंधे मुँह गिर गया है ,अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है ।सेनिटाइज़र और मास्क की सरकारी आदेश के बावजूद कालाबाज़ारी चालू है और  सिर्फ़ अफ़वाहों का बाज़ार ग़र्म है ।दवाई की दुकानों में मास्क और सेनिटाइज़र का स्टॉक ख़त्म हो चुका है ,जनता समझ रही है कि दवाई विक्रेताओं और निर्माताओं की तो चाँदी हो रही है । सोशियल मीडिया पर कोरोना को लेकर सरकारी ,स्वयंसेवी सस्थाओं और कई विशेषज्ञों के संदेशों से लेकर देसी नुस्ख़े और मज़ाक़ बनाने वाले संदेश भी धड़ल्ले से चल रहे हैं ।फ़िल्मों की रिलीज़ तारीख़ें आगे बढ़ाई जा रही है ,परीक्षाओं पर ख़तरे के बादल मँडरा रहे हैं । हमारी सरकार विदेश में फँसे नागरिकों को घर वापसी करवा रही है ,हवाई अड्डों पर विदेश से आने वाले यात्रियों की विशेष जाँच करके ही जाने दिया जा रहा है ।खेल आयोजन रद्द किए जा रहे हैं,आईपीएल आयोजन पर भी तलवार लटकी हुई है ।हाथ मिलाने,गले मिलने से फैलने के डर से विश्व भर में हाथ जोड़कर नमस्ते करना प्रसिद्ध और हाईजीनिक माना जा रहा है ,मांसाहारी भोजन खाने से बचने की सलाह दी जा रही है ,विदेशों में मृत व्यक्तियों को दफ़नाने के बजाय उनका दाह संस्कार किया जा रहा है ।इन सभी बदलावों का सनातन संस्कृति से जुड़ाव होने से सनातनी प्रसन्न है ,उनका मानना है कि ये प्रकृति का मानव को सबक़ सिखाने और उनको जड़ों की ओर ले जाने का तरीक़ा है ।चीन से इसका विश्व में प्रसार हुआ है और चीन के बाद इसका सबसे ज़्यादा असर इटली और ईरान में पाया गया है ,कुछ पुरानी किताबों या दस्तावेज़ों का हवाला देकर इसे चीन की ही साज़िश बता रहे हैं ।कॉलरट्यून में खाँसी की आवाज़ और फिर बचाव संदेश जागरूकता के लिए अनिवार्य कर दिया है ।हर जगह कोरोना के ही चर्चे हैं, इसकी ही बातें है ,इसका ही डर है इसके ही जोक्स है और यही दुनिया है और ये ही है ज़िंदगी !
PRAMOD T.
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कोरोना वायरस,मास्क और सेनिटाइजर इन तीन शब्दों ने कुछ दिनों से मीडिया,सोशियल मीडिया और सबकी ज़बान पर क़ब्ज़ा कर लिया है । सरकार और उसका पूरा तंत्र और संपर्क एवं जनसंपर्क के सभी माध्यम कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने में युद्ध स्तर पर जुटा हैं ।किसी को तो ये कोई महामारी से ज़्यादा हौवा लग रहा है ,रुई का पहाड़ लग रहा है ,खोदा पहाड़ निकली चुहिया ही होने का अनुमान लिए बेफ़िक्र हैं। लेकिन फ़िलहाल जो सब कुछ घट रहा है वो किसी हॉलीवुड फ़िल्म जैसा ही है वही अजीब बीमारी,पुरा तंत्र अनजान,शहरों-गाँवो में अफ़रातफ़री,अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जीतोड़ कोशिश में लगा हुआ प्रशासन ।हर थोड़ी देर में वायरस के और ज़्यादा फैलने,और ज़्यादा लोगों के चपेट में आने की और कुछ लोगों के मरने की ख़बर हैरान परेशान करे जा रही है ,कोई ठोस उपाय ना होने की वजह से बचाव ही उपाय बताया जा रहा है ।संक्रमण से फैलने वाली बीमारी होने और स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर इसे महामारी घोषित किया जा चुका है ,सभी स्कूल-कोलेज़,मॉल दुकाने,ऑफ़िस,जिम बंद रखने का आदेश आ चुका है ,हवाई यात्राओं विशेषकर विदेश यात्राओं पर रोक लगाई जा चुकी है ,आयात निर्यात,पर्यटन हर उद्योग इसकी मार की चपेट में आ चुका है ,कई देशों का शेयर बाज़ार औंधे मुँह गिर गया है ,अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है ।सेनिटाइज़र और मास्क की सरकारी आदेश के बावजूद कालाबाज़ारी चालू है और  सिर्फ़ अफ़वाहों का बाज़ार ग़र्म है ।दवाई की दुकानों में मास्क और सेनिटाइज़र का स्टॉक ख़त्म हो चुका है ,जनता समझ रही है कि दवाई विक्रेताओं और निर्माताओं की तो चाँदी हो रही है । सोशियल मीडिया पर कोरोना को लेकर सरकारी ,स्वयंसेवी सस्थाओं और कई विशेषज्ञों के संदेशों से लेकर देसी नुस्ख़े और मज़ाक़ बनाने वाले संदेश भी धड़ल्ले से चल रहे हैं ।फ़िल्मों की रिलीज़ तारीख़ें आगे बढ़ाई जा रही है ,परीक्षाओं पर ख़तरे के बादल मँडरा रहे हैं । हमारी सरकार विदेश में फँसे नागरिकों को घर वापसी करवा रही है ,हवाई अड्डों पर विदेश से आने वाले यात्रियों की विशेष जाँच करके ही जाने दिया जा रहा है ।खेल आयोजन रद्द किए जा रहे हैं,आईपीएल आयोजन पर भी तलवार लटकी हुई है ।हाथ मिलाने,गले मिलने से फैलने के डर से विश्व भर में हाथ जोड़कर नमस्ते करना प्रसिद्ध और हाईजीनिक माना जा रहा है ,मांसाहारी भोजन खाने से बचने की सलाह दी जा रही है ,विदेशों में मृत व्यक्तियों को दफ़नाने के बजाय उनका दाह संस्कार किया जा रहा है ।इन सभी बदलावों का सनातन संस्कृति से जुड़ाव होने से सनातनी प्रसन्न है ,उनका मानना है कि ये प्रकृति का मानव को सबक़ सिखाने और उनको जड़ों की ओर ले जाने का तरीक़ा है ।चीन से इसका विश्व में प्रसार हुआ है और चीन के बाद इसका सबसे ज़्यादा असर इटली और ईरान में पाया गया है ,कुछ पुरानी किताबों या दस्तावेज़ों का हवाला देकर इसे चीन की ही साज़िश बता रहे हैं ।कॉलरट्यून में खाँसी की आवाज़ और फिर बचाव संदेश जागरूकता के लिए अनिवार्य कर दिया है ।हर जगह कोरोना के ही चर्चे हैं, इसकी ही बातें है ,इसका ही डर है इसके ही जोक्स है और यही दुनिया है और ये ही है ज़िंदगी !
PRAMOD T.
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