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काकी झांक रही दरवाज़े को काका देख है परेशान हड्डिय

काकी झांक रही दरवाज़े को
काका देख है परेशान
हड्डियों को कोसते
अश्रु है मेहरबान
और फलां बहु देख मुस्काए
जैसे यौवन कर रहा अट्टहास।

©लेखक ओझा
  काकी झांक रही..

काकी झांक रही.. #Society

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