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गुलाब से अधिक गुलाबी इश्क़ है बेइंतहा मुझे अपने मा

गुलाब से अधिक गुलाबी इश्क़ है
बेइंतहा मुझे अपने माता-पिता से

फिर इश्क़ में गुलाब क्या दूं इनको
एक ने रूप दिया सुनहरा मुझको
तो दूसरे ने दिया नाम अनिल को..

आपकी बदौलत ही है मेरी दुनिया
'गुलाब' और 'गुलिस्तां' को रहने दो
मैं चरणवंदना संग बलिहारी जाऊं
यह शीष उतार कर अर्पण करने दो..

©Anil Ray
  #माता_पिता 🙏🏻🙏🏻
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Anil Ray

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Growing Creator
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#माता_पिता 🙏🏻🙏🏻 #कविता

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