जाटओं से बहता जल पवन नील कंठ सर्प लपेटे गल में हार की तरह नाद डमरू से डमट् डमट् डमट् की गूंज पे भगवान शिव शम्भु हर्षित तांडव नृत्य कर रहे उल्लाहास से जग को संपन्नता से भर रहे ©Mahadev Son हर्षित तांडव नृत्य से जग को मोहित कर रहे