ये रास्ते जो चुन लिये मैंने बढ़ने को आगे कहाँ ले जायेंगे पता नहीं पहुँचायेंगे तुम तक या फिर यूँ ही चलती रहूँगी ना जाने कब तक दिखेगी मंजिल दूर तक या यूँ ही छायी रहेगी धुँध बरसों तक मिलेगा साथ कोई इस राह पर या फिर चलती रहूँगी तन्हा संदेहपूर्ण डग पर बस ऐसे ही ये रास्ते... पहुँचा देंगे तुम तक या खो दूँगी खुद को पहुँचने से पहले तुम तक🌺 Muनेश..Meरी✍️ 💮कृपया ध्यान रखिएगा की हमारे साथ COLLAB करते टाइम आपका "COLLAB" का option भी ON हो। अन्यथा आपकी एंट्री प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगी🙏। आज की प्रतियोगिता के लिए आज हमारे शब्द हैं 🌸"ये रास्ते" #wkd49 इन शब्दों को प्रयुक्त करते हुए कविता, शायरी या किसी अन्य रूप में रचना कीजिये। 👉 कृपया ध्यान दीजिएगा इस प्रतियोगिता में तीन विजेताओं का चयन किया जाएगा। 👇 प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय।।।