विष पीऊँगा भी कैसे तुम्हारे बिना दिल सीऊंगा भी कैसे तुम्हारे बिना डोली चढ़ते हुए तुमने ये सोचा नही मैं जीऊंगा भी कैसे तुम्हारे बिना! तुमको ही गुन-गुनाया तुम्हारे बिना मैंने जग को सुनाया तुम्हारे बिना तुम तो जी भी लिए गैर के संग मगर मैं तो मर भी न पाया तुम्हारे बिना! ©kabira galvi ( कबिरा गाल्वी ) #Poetry #poem #writer #qoutes #Love #SAD #HeartBreak