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धोखे से गीदड़ओ ने जाके सिंह को घेरा. तब

धोखे  से   गीदड़ओ   ने  जाके   सिंह  को  घेरा.
तब  काल  भी  गहराया  लगा  मौत  का  पहरा.
दोनों  तरफ   से  धांय  -  धांय   गोलियां   चली.
अंग्रेजीयत   की  शाख  तब  आजाद  से  हिली.
तब  काल   ने   भी   देखा   मंजर   संघार   का.
शायद  समय  भी  आ  गया  अंतिम  प्रहार  का.
जो आखरी गोली कि थी वो पिस्टल में डालकर.
माथे   पर   लगाते    ही   हुआ   जोरदार   स्वर.।।
एक  स्वप्न  उस   बरगद  के  तले  टूट  गया  था.
स्वाधीनता   का   ख्वाब   जैसे   लूट   गया   था.
लेकिन  गरज  के बोल पड़ा  धरती का लाल वो. 
आजाद तुझको कर ना सका मुझको मलाल वो. 
अंतिम    प्रणाम     मेरा     स्वीकार    करो   मां.
गोदी   में   बिठा    लो    मुझे   दुलार   करो  मां.
मरते   समय  भी  शौर्य   का   मैं   गान  करूंगा.
आजाद   था   आजाद     हूं    आजाद   मरूंगा.।।


चन्द्रशेखर आज़ाद जी की जन्म
 जयंती पर उन्हें शत शत नमन 💐🙏

©Shivesh Raja #ChandraShekharAzaad
धोखे  से   गीदड़ओ   ने  जाके   सिंह  को  घेरा.
तब  काल  भी  गहराया  लगा  मौत  का  पहरा.
दोनों  तरफ   से  धांय  -  धांय   गोलियां   चली.
अंग्रेजीयत   की  शाख  तब  आजाद  से  हिली.
तब  काल   ने   भी   देखा   मंजर   संघार   का.
शायद  समय  भी  आ  गया  अंतिम  प्रहार  का.
जो आखरी गोली कि थी वो पिस्टल में डालकर.
माथे   पर   लगाते    ही   हुआ   जोरदार   स्वर.।।
एक  स्वप्न  उस   बरगद  के  तले  टूट  गया  था.
स्वाधीनता   का   ख्वाब   जैसे   लूट   गया   था.
लेकिन  गरज  के बोल पड़ा  धरती का लाल वो. 
आजाद तुझको कर ना सका मुझको मलाल वो. 
अंतिम    प्रणाम     मेरा     स्वीकार    करो   मां.
गोदी   में   बिठा    लो    मुझे   दुलार   करो  मां.
मरते   समय  भी  शौर्य   का   मैं   गान  करूंगा.
आजाद   था   आजाद     हूं    आजाद   मरूंगा.।।


चन्द्रशेखर आज़ाद जी की जन्म
 जयंती पर उन्हें शत शत नमन 💐🙏

©Shivesh Raja #ChandraShekharAzaad
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Shivesh Raja

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