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मैंने उसे बदलते देखा हैं... हाँ, मैंने उसे बदलते

मैंने उसे बदलते देखा हैं... 

हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं, 
उसके और अपने दरमियाँ फ़ासलो को बढ़ते देखा हैं, 
उसके माथे की लकीरों को मिलते देखा हैं, 
उसके अश्कों को बहते देखा हैं, 
हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं !!
उसकी आँखों में किसी और का दीदार होते देखा हैं, 
उसके दिल में किसी और को पाने की आरज़ू को देखा हैं, 
हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं !!
उसे किसी और की बाँहो में सोते देखा हैं, 
उसे आबाद से बर्बाद होते देखा हैं, 
उसको पराया होते देखा हैं, 
हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं !!! हाँ,  मैंने उसे बदलते देखा हैं !
मैंने उसे बदलते देखा हैं... 

हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं, 
उसके और अपने दरमियाँ फ़ासलो को बढ़ते देखा हैं, 
उसके माथे की लकीरों को मिलते देखा हैं, 
उसके अश्कों को बहते देखा हैं, 
हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं !!
उसकी आँखों में किसी और का दीदार होते देखा हैं, 
उसके दिल में किसी और को पाने की आरज़ू को देखा हैं, 
हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं !!
उसे किसी और की बाँहो में सोते देखा हैं, 
उसे आबाद से बर्बाद होते देखा हैं, 
उसको पराया होते देखा हैं, 
हाँ, मैंने उसे बदलते देखा हैं !!! हाँ,  मैंने उसे बदलते देखा हैं !
juhisaini8304

Juhi Saini

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