दशमुख रावण मन, दहन करे शुद्ध तन-मन, अति में डूबा रहे हमेशा, भागता रहे पाने को धन। दशमुख रावण मन, कभी भी उठा लेता अपने फन, नेकी से वास्ता नहीं, लेता मजा जब कष्ट में होता जन। 🏹 अन्याय पर न्याय का, दुराचार पर सदाचार का औ' असुरत्व पर देवत्व के विजयपर्व विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनायें। 🙏🌺🌼🌺🙏 🏹🏹 Jai Siya Ram 🏹🏹 #Happy #Dussehra #special #occasion #tolcnrkeepsmile ☺